टीचर ओह सू आह हमेशा जंग हे संग पर नजर रखती हैं। उन्हें लगता है कि वह एक बिगड़ैल स्टूडेंट है जो स्कूल की हर परेशानी की वजह होती है लेकिन क्या सच्चाई है?
जब सू आह का ध्यान सिर्फ हे संग पर है, तो असली बदमाश छुप कर अपना खेल खेल रहा है मैं मासूम बन्नी का नाटक कर रहा है लेकिन स्कूल में असली आतंक वही फैला रहा है।
एक दिन जब टीचर ओह सू आह उसे डांट रही होती हैं, हे संग उनसे सीधा सवाल पूछता है, "क्या आपको सच में अपने छात्रों की परवाह है? इस सवाल ने उनके दिल में बहुत ठेस पहुंचाई।
यह सवाल सिर्फ एक बात नहीं थी, बल्कि एक ऐसा घाव था जो टीचर ओह सू आह ने सालों से छिपा रखा था।
जैसे-जैसे उनकी मुलाकातें बढ़ती गईं, सू आह को एहसास हुआ कि शायद उन्होंने हे संग के बारे में गलत धारणा बना ली थी।
धीरे-धीरे उन्हें समझ आने लगा कि असली गुंडे कौन हैं। हे संग तो हमेशा सच के साथ खड़ा था, लेकिन किसी ने उसकी सुनी ही नहीं।
जहां पहले उनकी मुलाकातें टकराव से भरी थीं, अब वही बातचीत समझदारी और गहरी सोच में बदलने लगी।
हे संग की बातें अब ओह सू आह को अलग तरीके से महसूस होने लगीं। उनके बीच कुछ खास पलों की शुरुआत हो चुकी थी।
अब ओह सू आह जान चुकी थीं कि उन्हें अपने फैसले बदलने होंगे। वह असली गुंडों के खिलाफ खड़ी होंगी और अपने छात्रों के लिए न्याय दिलाएंगी।
Undercover High School की असली सच्चाई
हे संग कभी भी एक troublemaker नहीं था। जब सच सामने आया, तो सबकी सोच बदल गई। यह कहानी सिर्फ टीचर और स्टूडेंट की नहीं थी, बल्कि एक ऐसी जंग थी